Koi Tum sa Nahi - 1 in Hindi Adventure Stories by Mahi books and stories PDF | कोई तुमसा नहीं - 1

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कोई तुमसा नहीं - 1

एक बड़े से आलीशान कमरे मे.... बिस्तर पर एक लड़की लेती हुई थी...... खिड़की के आती सूरज कि रौशनी उस लड़की के चेहरे पर पड़ने लगती है... और धीरे धीरे उस लड़की कि आँख भी खुलने लगती है.... " ये... ये कौन सी जगह है... और मैं यहाँ कैसे आई....?"
वह लड़की चारो ओर देखते हुए खुद से सवाल करती है... वह रूम बहुत बड़ा था... लेकिन.... वह कमरा बहोत ही अजीब था उस कमरे मे कचड़े ही कचड़े फैले हुए थे.... ऐसा लग रहा था कि कमरे को कई महीनों से साफ नहीं किया गया हो, उस लड़की के लिए ये सब अनजान था उसे समझ नहीं आरहा था कि वह कहा है और यहाँ कैसे आई उसे तो अभी अपने घर मे होना चाहिए था, यही सब सोकते हुए वह लड़की बेड से उठ खड़ी होती है... उसकी नज़र सामने बाथरूम मे होती है वह कुछ सोचते हुए बाथरूम के अंदर आगयी... कमरे कि तरह बाथरूम भी काफ़ी बड़ा और आलीशान था... लेकिन उस लड़की कि नज़रे किसी और ही चीज कि तलाश कर करी थी... तभी उसकी नज़र सामने शीशे पर गयी जिसमे उसका चेहरा दिख रहा था।
दूध जैसा सफेद रंग उसके घुटनो तक आते गुंगराहे ब्राउन बाल... बढ़ी बढ़ी ग्रे आईश, वो दिखने मे बेहद खूबसूरत थी वो सिर्फ 18 साल कि लग रही थी,लेकिन उस लड़की के चेहरे पर खुद को देख कर हैरानी और परेशानी के भाव थे... " यह कौन है? यह मैं तो नहीं हु "ये सब कहते हुए अपने एक हाथ से अपना सर दबाने लगी वह याद करने कि कोशिश कर रही थी कि वो यहाँ कैसे पहुंची।
आरना वर्मा...ये नाम उसने खुद दिया था... वह एक अनाथ थी... और बचपन मे अनाथ आशरम मे पली बढ़ी.. लेकिन 15 साल कि उम्र मे उसने अनाथ आश्रम थोड़ दिया.. या कह सकते है वह वहां से भाग गयी...कुछ सालो तक छोटे मोटे काम करके उसने खुद कि जिम्मेदारी उठाई.... वो अपनी नॉर्मल लाइफ से ही बहुत खुश थी.. लेकिन एक दिन उसे बीच सड़क से किडनैप कर लिया गया... उसे किसी माफिया ने किडनैप किया था... वजह पूछने पर उसने बताया कि वह उससे कुछ काम करवाना चाहता है और ये काम उसके आलावा ये और कोई नहीं कर सकता है.. अगर आराना उसके लिए काम करने के लिए तैयार है तो वो उसे उसकी जिंदगी से जुड़े एक राज़ के बारे मे बताये गा... आराना ने उसकी बात मान ली और उसके लिए काम करने लगी.... बचपन से ही आरना दूसरे बच्चो से अलग थी... उसका दीमाग किसी नॉर्मल इंसान से ज्यादा तेज था आरना एक कांट्रैक्ट किलर थी...एक दिन आरना बाथटब मे बैठी बैठी एक नॉवेल पड़ रही थी जिसका नाम 'ज़िद्दी इश्क़' था...जिसे रीड करते हुए उसकी आँख लग गयी... उसके बाद वह यहाँ है.. तो क्या वह मर गयी थी?" अगर हाँ तो क्या उसका रेबर्थ हुआ है... लेकिन किसकी बॉडी मे... ये सोचते हुए उसे उस नॉवेल कि कहानी याद आने लगती है
इस स्टोरी मे तीन मेन कैरक्टर्स है।

रोम विलिएम्स, श्रेजा मेहरा, इनाया मेहरा।
श्रेजा एक घमंडी और स्वार्थी लड़की थी जो अपनी सौतेली बहन इनाया से बेहद नफरत करती थी...... श्रेजा कि शादी एक बड़े और पावरफूल बिजनेस मैन रोम विलिएम्स से तय हुई थी.... रोम एक हार्टलेस और निर्दयी इंसान था जिससे दुसरो कि फीलिंग्स कि कोई परवाह नहीं थी लेकिन फिर फिर श्रेजा उसे प्यार करती थी... लेकिन रोम उसकी बहन इनाया के प्यार मे पड़ गया....जिससे श्रेजा इनाया ने और भी ज्यादा नफरत करने लगी... श्रेजा अब कोई मौका नहीं छोड़ती थी इनाया को परेशान करने का... लेकिन इनाया ने कभी श्रेजा को पलट कर कुछ नहीं कहा.... श्रेजा ले लाख मना करने के बाद भी इनाया रोम को खुद से दूर नहीं कर पायी... कही ना कही इनाया भी रोम को पसंद करती थी... धीरे धीरे वो दोनों करीब आने लगे ये देख कर श्रेजा को पहुत गुस्सा आया उसने गुस्से मे... इनाया का किडनैप करवाया और उसे गुंडों से पिटवा कर वही अकेले छोड़ दिया.... ये सब जब रोम को पता चला तो उसने सब के सामने श्रेजा को थप्पड़ मारा.. वो तो श्रेजा को जान से मार देना चाहता रहा लेकिन इनाया के कहने पर उसे श्रेजा को छोड़ना पड़ा... रोम भी श्रेजा से पहुत नफरत करने लगा था, कुछ दिनों बाद जब... इनाया कॉलेज से घर आरही थी तो कुछ गुंडों ने मिल कर उसका गैंग रेप कर दिया... ये सदमा इनाया बर्दाश नहीं कर पायी और उसने सुसाइड कर लिया ... इन सब का इंजाम श्रेजा पर आया सब को लग रहा था कि ये सब श्रेजा ने कराया है
बाद मे जब ये सब श्रेजा को पता चला तो वो बहुत हैरान हुई... इसने सब को समझाया कि उसका इरादा सिर्फ इनाया को डरा कर रोम से दूर करने का था लेकिन किसी ने भी उसकी बातो का बिश्वास नहीं किया... रोम मे भी नहीं.. उसके बाद श्रेजा कि जिंदगी नर्क बन गयी, रोम जिससे श्रेजा अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती थी... उसने उस पर इनाया कि बर्बादी और मौत का इंजाम लगा कर टॉकर करना सुरु कर दिया रोम ने श्रेजा से शादी कि और... ये शादी ही श्रेजा कि बर्बादी बन गयी... श्रेजा हमेशा ही रोम को समझती थी कि उसने कुछ नहीं किया लेकिन रोम ने उसकी बात कभी नहीं मानी, रोम मे उसे इतना टॉचर किया था कि लास्ट मे श्रेजा एक जिन्दा लाश के आलावा कुछ नहीं बची थी.... अब उसे अपनी जिंदगी से कोई लगाव नहीं था वो हर रोज अपने लिए मौत मांगती थी... लेकिन वो शैतान उसे मौत के लिए भी तड़पा रहा था।
एक दिन रोम को कही से खबर मिली कि इनाया जिन्दा है.. और सच मे इनाया जिन्दा थी बिलकुल सही सलामत।
लेकिन... श्रेजा उससे ये दर्द लम्बे समय तक सहा नहीं गया और एक दिन उसकी मौत हो गयी।
लेकिन इनाया और रोम का क्या हुआ आरना नहीं जानती थी क्योकि वह आधा ही पड़ पायी थी उसके हिसाब से उन दोनों ने शादी कर ली होंगी।
तो अब आरना श्रेजा के शरीर मे थी...।